सरकार के साथ व्यापारियों की संवादहीनता!!!
किसी भी देश के संचालन एवं विकास के साथ सभी प्रकार कार्य सम्पन्न करने के लिए सरकार को नियमितरुप से धन की आवश्यकता बनी रहती है। सरकार को विभिन्न प्रकार के राजस्व के रुप में धन प्राप्त होता है। भारत में राजस्व संग्रह के मुख्य स्रोत प्रत्यक्ष कर जैसे आयकर एवं अप्रत्यक्ष कर माल एवं सेवाकर प्रणाली हैं। यदि हम देश के आजादी के समय से राजस्व संग्रह का अध्ययन करते हैं तो परिणाम यह है कि राजस्व संग्रह के देश में 1948 में ‘केन्द्रीय बिक्रीकर अधिनियम’ के साथ राज्यों में ‘राज्य बिक्रीकर अधिनियम’ लागू करते हुए केन्द्र व राज्य सरकारों के संग्रह का स्रोत पैदा किया गया। इधर प्रत्यक्ष कर प्रणाली के अन्तर्गत ब्रिटिश शासन द्वारा 1882 में आयकर कानून बनाया, तत्पश्चात समय की आवश्यकता के अनुरुप और उद्योगों की प्रगति के अनुसार 1922 में नया आयकर कानून बना। लेकिन आजादी के बाद पूर्ववर्ती आयकर कानून को बदलते हुए 1961 में नया कानून को लागू एवं प्रभावी किया गया। इन कानून के माध्यम से भारत के श्रेष्ठियों (धन्नासेठों) से आयकर वसूलने की प्रक्रिया लागू की। 1961 में बनाये गये आयकर कानून भी पूराने कानून को नई व्यवस्था के स...