Ancient Agra
आगरा ताज नगरी के नाम से भी विख्यात है। वैसे आगरा के प्राचीन वैभव को मुगलों की देन समझा जाता था। क्यांेकि मुगल काल में आगरा आसपास के क्षेत्र व जनपदों के लिए एक व्यापारिक केन्द्र था। इसका प्रमाण यह भी है कि आगरा में विभिन्न बाजारों के नाम के आगे मण्डी लगा है जिससें यह प्रतीत होता है कि आगरा में विभिन्न वस्तुओं की मण्डी हुआ करती थी। आगरा से आसपास के जनपदों में जल की आपूर्ति यमुना नदी से होती थी। आगरा में बड़े बड़े (वर्तमान में) नाले है तक यह नहरें हुआ करती थी। इन नहरों से आसपस जिलों मेें मुगल काल में यमुना नदी से आसपास के जनपदों में पानी की आपूर्ति की व्यवस्था थी। परन्तु इस आधुनिक युग में जैसे जैसे षहर का विस्तर होता गया इनका स्वरुप गन्दे नालों में बदल गया। आगरा का अतीत जानने के लिए इस्लामी (मुग़ल) काल से पूर्व के अतिहास की व्याख्या करने की कोषिष नहीं की गयी। यह कहना कि आगरा को दुर्ग वाले नगर की श्रेणी सुल्तान सिकन्दर लोदी ने दी, एक पूर्वाग्रह हो सकता है। (देखें ली. ए. कमर, द लेसर नोन मान्यूमेंट आॅफ आगरा (लेख) बसन्तात्सव सुवेनीर 1980 पृ0 20)। फतेंहपुर सीकरी के निकट प्रागैतिहासिक कुछ...