सुनहरे भविष्य की बढ़ता भारत

भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था के रुप में उभरता हुआ तारा के  रुप में जाना जा रहा है और यह भी संभव है कि वर्ष 2040 तक में दुनिया की शीर्ष तीन आर्थिक शक्तियों से आगे बढ़कर एक प्रभावशाली देश के रुप में स्थापित हो जाए।
भारत के बाजार का आकार
इंडिया ब्रांड इक्यूविटी फांउडेशन के अनुसार आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि वर्ष 2019-20 में भारत की जीडीपी वृ(ि दर 12 प्रतिशत पर हो जबकि 2018-19 के लिए अनुमान 11.5 प्रतिशत था। हां, 2019-20 के प्रथम तिमाही  के दौरान, सकल घरेलू उत्पाद  में 5 प्रतिशत की वृ(ि रिकार्ड की गई। NASSCOM की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2016 में 4,750 से ज्यादा टेक्नोलाॅजी स्टार्टअप के साथ भारत ने तीसरे सबसे बड़े स्टार्टअप बेस के रुप में अपना स्थान बनाये रखा है।
ASSOCHAM और थाॅट आर्बिट्राज रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक अध्ययन के अनुसार, भारत की श्रम शक्ति 2020 तक जनसंख्या वृ(ि की दर, श्रम शक्ति की भागीदारी में वृ(ि और उच्च शिक्षा नामांकन, अन्य कारकों के आधार पर 160-170 मिलियन को छूने की उम्मीद है। इतर भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, 21 दिसंबर, 2018 तक सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 393.29 बिलियन अमेरिकी डाॅलर था।
हाल के परिवर्तन के प्रभव यह हो रहा है कि भारत के आर्थिक परिदृश्य में सुधार के साथ, भारत की अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न निवेश हुए हैं। 2017 में भारत में विलय और अधिग्रहण (M & A) की गतिविधि 53.3 प्रतिशत बढ़कर अमेरिकी डाॅलर 77.6 बिलियन हो गई जबकि निजी इक्विटी ;च्म्द्ध सौदे 2 4.4 बिलियन डाॅलर तक पहुंच गए। 
भारत की अर्थव्यवस्था में हाल के कुछ महत्वपूर्ण घटनाक्रम इस प्रकार हैं, जो कि महत्वपूर्ण तो हैं ही और प्रभावशाली भी-
  • भारत से निर्यात अप्रैल-मई 2019 में 4.32 प्रतिशत सालाना की वृ(ि के साथ अमेरिकी डाॅलर 92.33 बिलियन हो गया।
  • निक्केई इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) जुलाई 2019 में 51.40 पर था, जो इस क्षेत्र में विस्तार दर्शाता है।
  • देश में विलय और अधिग्रहण (M & A) गतिविधि 2019 (जनवरी-जून) की पहली छमाही में 41.6 बिलियन अमेरिकी डाॅलर तक पहुंच गई है।
  • अप्रैल-नवंबर 2018 के बीच देश में आयकर संग्रह 2.50 लाख करोड़ रुपये (35.88 बिलियन अमेरिकी डाॅलर) तक पहुंच गया।
  • 2019 के पहले छह महीनों में, 8 कंपनियों ने आईपीओ का आयोजन किया, जो 5,509 करोड़ रुपये जोकि 0.79 बिलियन, के बराबर था।
  • अप्रैल 2000 और जून 2019 के बीच सेवाओं, कंप्यूटर साॅफ्टवेयर और हार्डवेयर, दूरसंचार, निर्माण, व्यापार और आॅटोमोबाइल से अधिकतम योगदान के साथ भारत का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) इक्विटी प्रवाह 436.47 बिलियन अमेरिकी डॅलर तक पहुंच गया।
  • भारत का औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) जून 2019 में 2 प्रतिशत साल-दर-साल बढ़ रहा है।
  • उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति जुलाई 2019 में बढ़कर 3.15 प्रतिशत हो गई जो जून 2019 में 3.18 प्रतिशत थी।
  • 2017 में भारत में लगभग 10.8 मिलियन नौकरियां सृजित की गईं।
  • भारत ने 2017 की रैंकिंग में 23 स्थानों पर विश्व बैंक की डूइंग बिजनेस रिपोर्ट में अपनी रैंकिंग में सुधार किया है और रिपोर्ट के 2019 संस्करण में 190 देशों में 77 वें स्थान पर है।
  • 2025 तक भारत में 100,000 स्टार्टअप होने की उम्मीद है, जो मणिपाल ग्लोबल एजुकेशन के अध्यक्ष टी. वी. मोहन दास पई के अनुसार, 3.25 मिलियन लोगों के लिए रोजगार और 500 बिलियन अमेरिकी डाॅलर का मूल्य पैदा करेगा।
  • विश्व बैंक के अनुसार है कि वित्त वर्ष 2018-19 में भारत में निजी निवेश की वृ(ि दर 8.8 प्रतिशत बढ़कर 7.4 प्रतिशत की निजी खपत से आगे निकलने की उम्मीद है, और इससे वित्त वर्ष 2018-19 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद ;जीडीपीद्ध में वृ(ि होगी-

विश्व बैंक के प्रवासन और विकास ब्रीफ के अनुसार भारत को 2018 में दुनिया के अग्रणी प्राप्तकर्ता के रुप में अपना पद बरकरार रखने की उम्मीद है, जिसमें कुल प्रेषण 80 बिलियन अमेरिकी डाॅलर का है।
केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा, तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री (स्व0)अरुण जेटली द्वारा 1 फरवरी, 2018 को संसद में की गई थी। इस साल के बजट में ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने, स्वास्थ्य सेवा पर ध्यान दिया जाएगा। देश की शिक्षा की गुणवत्ता में आर्थिक रुप से कम विशेषाधिकार प्राप्त, बुनियादी ढाँचा निर्माण और सुधार के लिए। बजट के अनुसार, सरकार 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए प्रतिब( है। ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका और बुनियादी ढांचे के निर्माण के लिए कुल 14.34 लाख करोड़ रुपये ;196.94 बिलियन अमेरिकी डाॅलरद्ध खर्च किए जाएंगे। 2018-19 के लिए बुनियादी ढांचे के लिए बजटीय आवंटन 5.97 लाख करोड़ अमेरिकी डाॅलर 81.99 बिलियन, निर्धारित है। रेल और सड़क क्षेत्रों के लिए सर्वकालिक उच्च आवंटन किए गए हैं।
मोदी सरकार के मेक इन इंडिया और डिजिटल इंडिया जैसी विभिन्न सरकारी पहलों के कारण कई विदेशी कंपनियां भारत में अपनी सुविधाएं स्थापित कर रही हैं। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक औसत भारतीय उपभोक्ता की क्रय शक्ति को बढ़ाने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मेक इन इंडिया पहल शुरु की है, जो मांग को और बढ़ाएगी, और इसलिए विकास को बढ़ावा मिलेगा। निवेशकों को लाभ पहुंचाने के अलावा भारत सरकार, मेक इन इंडिया पहल के अन्तर्गत, विनिर्माण क्षेत्र द्वारा किए गए योगदान को बढ़ावा देने का प्रयास कर रही है और इसका लक्ष्य इसे वर्तमान जीडीपी के 25 प्रतिशत से 17 प्रतिशत तक ले जाना है। इसके अलावा, सरकार ने डिजिटल इंडिया की पहल भी की है, जो तीन मुख्य घटकों पर केंद्रित हैः डिजिटल बुनियादी ढाँचे का निर्माण, डिजिटल रुप से सेवाएँ पहुँचाना और डिजिटल साक्षरता बढ़ाता है।
केन्द्र सरकार द्वारा हाल ही में की गई कुछ पहलें और घटनाक्रम नीचे सूचीब( हैंः 
जिनमें भारत में नीति आयोग की पहल ‘अटल इनोवेशन मिशन’और अटल कम्युनिटी इनोवेशन सेंटर (ACIC) कार्यक्रम शुरु किया, जिसका उद्देश्य देश के रेखांकित और अनछुए क्षेत्रों में सामुदायिक नवप्रवर्तन को प्रेरित करना है।
  • नेशनल इंस्टीट्यूट फाॅर ट्रांसफाॅर्मिंग इंडिया (नीति आयोग) ने वित्त वर्ष 23 तक भारत को अमेरिकी डाॅलर 4 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए ‘न्यू इंडिया/ 75’ के लिए एक रणनीतिक दस्तावेज जारी किया।
  • भारत सरकार 2025 तक सार्वजनिक स्वास्थ्य खर्च को जीडीपी के 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाने जा रही है।
  • कृषि निर्यात नीति के कार्यान्वयन के लिए, सरकार ने परिव्यय रुपये को मंजूरी दी है। 2019 के लिए 206.8 करोड़ ;अमेरिकी डाॅलर 29.59 मिलियनद्ध, जिसका लक्ष्य 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करना है।
  • सरकार उत्पादों को बाजार में बेचने और बेचने के लिए ई-काॅमर्स मार्केटिंग प्लेटफाॅर्म ‘भारत क्राफ्ट पोर्टल (Bharatcraft portal) पोर्टल लाॅन्च करने की योजना बना रही है।
  • प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अन्तर्गत, सरकार देश में 81 लाख घरों के निर्माण के लिए 4.83 लाख करोड़ अमेरिकी डाॅलर 69.10 बिलियन, का निर्माण शुरु हो चुका है।
  • देश के ग्रामीण क्षेत्र में विद्युतीकरण अप्रैल 2018 में पूरा हुआ।
  • प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्यद्ध) के तहत 31 मार्च 2019 को लगभग 26.02 मिलियन घरों का विद्युतीकरण किया गया है।
  • मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (CCEA) के अनुसार, प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्र म (PMEGP) 2017-18 से 2019-20 तक तीन वर्षों के लिए 5,500 करोड़ रुपये (755.36 मिलियन अमेरिकी डाॅलर) के परिव्यय के साथ जारी रहेगा।
  • पेयजल और स्वच्छता मंत्री, भारत सरकार के अनुसार खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) भारत का लक्ष्य 2 अक्टूबर, 2019 तक प्राप्त होगा, क्योंकि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध है, 
  • भारत सरकार ने अगले दो वर्षों में सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को पुर्नःपूंजीकृत करने के लिए 2.11 ट्रिलियन अमेरिकी डाॅलर 32.9 बिलियन, का निवेश करने का निर्णय किया है और अगले पांच वर्षों में नई सड़कों और राजमार्गों के निर्माण के लिए 7 ट्रिलियन अमेरिकी डाॅलर 109.31 बिलियन, का निवेश किया है।
  • केंद्रीय बजट 2019-20 के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को रुपये का पूंजीगत लाभ प्रदान किया जाएगा। 70,000 करोड़ (अमेरिकी डाॅलर 10.02 बिलियन), जिससे NBFC को विदेशी )ण जुटाने की अनुमति मिली।
  • भारत की विदेश व्यापार नीति (FTP) 2015-20 की मध्यावधि समीक्षा वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा जारी की गई है, जिसके अन्तर्गत श्रम गहन डैडम् क्षेत्रों के लिए वार्षिक प्रोत्साहन में 2 प्रतिशत की वृ(ि की गई है।
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई-तृतीयद्) योजना के अन्तर्गत, ग्रामीण संपर्क को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 50,250 करोड़ रुपये (अमेरिकी डाॅलर 7.19 बिलियन) सड़कों का निर्माण करने की योजना बनाई है।

भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वित्त वर्ष 27 तक अमेरिकी डाॅलर 6 ट्रिलियन तक पहुंचने और डिजिटलीकरण, वैश्वीकरण, अनुकूल जनसांख्यिकी और सुधारों के आधार पर ऊपरी-मध्य आय की स्थिति प्राप्त करने की मजबूत आशा है।
भारत सरकार के राजस्व प्राप्ति 2019 तक 28-30 ट्रिलियन (अमेरिकी डाॅलर 385-412 बिलियन) को छूने का अनुमान है, जो कि अवसंरचना और माल और सेवा कर (जीएसटी) जैसे बुनियादी ढांचे और सुधारों को मजबूत करने के लिए भारत सरकार के उपायों के कारण है।
भारत ऊर्जा पैदा करने के लिए नवीकरणीय स्रोतों पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है। यह 2030 तक गैर-जीवाश्म स्रोतों से अपनी ऊर्जा का 40 प्रतिशत प्राप्त करने की योजना बना रहा है जो वर्तमान में 30 प्रतिशत है और 2022 तक अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता को 175 गीगावइट से बढ़ाने की योजना भी है।
बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप ;बीसीजीद्ध की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में तीसरी सबसे बड़ी उपभोक्ता अर्थव्यवस्था होने की उम्मीद है, क्योंकि इसकी खपत 2025 तक 4 ट्रिलियन अमेरिकी डाॅलर हो सकती है, जो उपभोक्ता व्यवहार और व्यय पैटर्न में बदलाव के कारण होती है। ‘प्राइस वाटर हाउस कूपर्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2040 तक क्रय शक्ति समानता ;पीपीपीद्ध के मामले में दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका को पार करने का अनुमान है।

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