क्या उ0 प्र0 औद्योगिक नीति-2012 में प्रदेश के पंरपरागत उद्योग शमिल हैं?

प्रदेश के युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सत्ता आरुढ़ होते ही प्रदेश के औद्योगिक विकास पर ध्यान केन्द्रीत करते हुए प्रदेश के उद्योग पिछड़ेपन को दूर करने के लिए औद्योगिक नीति-2012 की घोषणा कर इस ओर सार्थक प्रयास शुरु कर दिये। बधाई के पात्र हैं। 
हम यहां पर घोषित औद्योगिक नीति का विरोध तो नहीं कर रहे परन्तु एक प्रश्न पूछना चाहते हैं कि क्या घोषित औद्योगिक नीति में प्रदेश के परंपरागत उद्योग के विकास, विपणन ;डंतामजपदहद्धऔर विकास को शामिल किया है? 
क्योंकि किसी भी प्रदेश में परंपरागत उद्योगों को संरक्षण देना उस प्रदेश की विकास की सीढ़ी होती है। अब आप कहेंगे कि क्या हैं प्रदेश के परंपरागत उद्योग तो आपको बताएं कि आगरा के जरदोजी, बुलन्दशहर जनपद के गुलावटी की रात को प्रयोग में आने वाली ओढ़नी, प्रतापगढ़ के आंवला सेे बने विभिन्न पौष्टिक खाद्य पदार्थ, सुल्तानपुर की ;खटाई के लिएद्ध बान, हाथरस की हींग, संभल में बनने वाले जानवर के सींग व हड्डियों के बने आइटम जैसे बटन आदि, बुलन्दशहर के हैंडपंप, अलीगढ़ के ताले ;जो कि अब अपनी पहचान खोते जा रहे हैंद्ध रामपुर की चाकू- छुरियां, झांसी के बीड्स के हैंडबैग, हापुड़ के पापड़, पुरदीलनगर ;हाथरसद्ध के बीड्स जेवरात और ऐसे ही मिर्जापुर के पीतल के बर्तन और आगरा के जरदोजी व मार्बल, फतेहपुर सीकरी के कपड़े की चिंदी के बने फर्श इत्यादि बहुत से ऐसे आइटम हैं जिनको योजनाब( तरीके से निर्माण, विपणन और संरक्षण देकर व्यापाक विकास की राह प्रदान की जा सकती है।
आपको बता दें कि केन्द्र व राज्य सरकार विभिन्न बोर्ड ;परिषद्द्ध बनाकर उनको सपोर्ट तो कर रही हैं परन्तु आज भी उनका भरपूर विकास नहीं हो पाया है। इनमें बहुत से ऐसे आइटम हैं जिनकी विदेश से भारी मांग आती रहती है लेकिन विपणन के अभाव में कारीगर निर्माताओं को वाजिब दाम नहीं मिल पाते हैं। दूसरी ओर हमारे युव मुख्यमंत्री औद्योगिक विकास की बयार प्रदेश में फैलाना चाहते हैं लेकिन प्रदेश का वाणिज्य कर विभाग अपनी सोच से बाहर नहीं पा रहा है। एक प्रश्न और करना चाहते हैं कि क्या मौजूदा नियम-कायदे औद्योगिक विकास को रोक तो नहीं रहे हैं। विचार करने की आवश्यकता है।             -पराग सिंहल

Comments

Popular posts from this blog

जगनेर का ऐतिहासिक किला-

बरन प्रदेश बनाम बुलन्दशहर

बुलन्दशहर बनाम बरन: प्राचीन परिचय