आगरा जनपद के स्थान व नामों में छिपा इतिहास एवं कुछ प्राचीन स्थल -
लेखक डा0 श्रीभगवान शर्मा ने जनपद आगरा में इतिहास के सूत्र से अवगत् कराया है। डा0 शर्मा के अनुसार कौल (शाक्त मतालम्बी), यक्ष, जर, रुद्र, पांडव, मदल आदि सूत्र है जिनके आधार पर आगरा के प्राचीन इतिहास को क्रमबद्ध किया जा सकता है। आगरा जनपद में बसे कुछ मौहल्ले और गाँवों के नाम पुरातात्विक दर्शन देते है। जैसे- कौलक्खा, जखौदा, जारौली, रुद्रमौलि, पीनाक हाट (पिनाहट), मदन(मैन)पुर, स्थान के नामों में कौल, यक्ष जर, रुद्र, पीनाक(धनुष), मदन, पूर्व पद है और रक्षा, अवसथ, अवलि, मौलि, हाट, पुर पर पद है। इन स्थान नामों के आधार पर इतिहास के प्रमाण मिल सकते है। राजा भोज, श्रृंगि ऋषि, यमदग्नि-रेणुका, पांडव, सिकन्दर, बाबर, हुमाऊँ, अकबर, शाहजहाँ, भदावर, सिन्धिया, जाट, कछवाये, गुर्जर, प्रतिहार, राजा मानसिंह, राजा जयसिंह, आर्मिनियाई आदि राजा-महाराजाओं, बादशाहों एवं शासकों ने भी इस क्षेत्र के स्थान-नामों को आधार प्रदान किये।
सदरवन भी महाभारत कालीन स्थान नाम है। श्रृंगी ऋषि के नाम पर सींगना ग्राम तथा यमदग्निकी पत्नी एवं महर्षि परशुराम की माता रेणुका के नाम पर बसे रुनकता पूर्व नाम रेणुकूट आदि आदि नाम अपने गर्भ में आगरा का प्राचीन इतिहास सिमटे हुए है।
आगरा में कुछ और गाँव, तहसील, कस्बे है जिनके नाम पर ऐसा प्रतीत होता है कि वे अपने अन्दर प्राचीन और मुगल इतिहास सिमटे हुए है जैसे मिढ़ाकुर, पथौली, कंस गेट, छिंगा मोदी पोल, मस्जिद मुखन्निस खाँ, दरबार शाहजी, मानपाड़ा, कसेरट बाजार, सेव का बाजार, लट्टी, आदि नाम साथ ही सिकन्दरा, रामबाग, शाहदरा (शाहदरा दिल्ली व अन्य जिलों में भी पाये जाते है), खाँनवा का मैदान, बहिस्ताबाद, गुलाबखाना, काला(कालेखाँ)्धमहल, एत्मादपुर, बुढि़या का ताल, बजीरपुरा, शमसाबाद, फतेहाबाद, फतेहपुर सीकरी ।
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